
IPL 2025: आखिरी ओवर में चूक या चौंकाने वाला फैसला?
मुंबई इंडियंस की हार पर उठे सवाल
IPL 2025 में मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के बीच खेला गया मुकाबला कई मायनों में रोमांचक रहा। बारिश से प्रभावित इस मैच का नतीजा आखिरी ओवर में जाकर तय हुआ, जब गुजरात को जीत के लिए 15 रन चाहिए थे। इस मोड़ पर गेंद किसे सौंपी जाए, यही फैसला मैच का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट बन गया।
टीम के पास विकल्प थे—दीपक चाहर, जिनके दो ओवर बचे थे, और कप्तान हार्दिक पंड्या, जिन्होंने अब तक सिर्फ एक ओवर डाला था। स्पिनर्स कर्ण शर्मा और विल जैक्स के पास भी ओवर बाकी थे, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने आखिरी ओवर चाहर को देने का पहले ही मन बना लिया था।
मुंबई के मुख्य कोच महेला जयवर्धने ने फैसले का बचाव करते हुए कहा, “बुमराह के ना होने पर दीपक ने जिम्मेदारी निभाई है। वो हमारे लिए इस समय मुख्य गेंदबाज़ हैं।” हालांकि, क्रिकेट पंडित केटी मार्टिन की राय इससे अलग थी—उनका मानना था कि ऐसे अहम मौके पर कप्तान को खुद आगे आना चाहिए।
चाहर का आखिरी ओवर उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा—एक चौका, एक छक्का और एक नो-बॉल ने मैच का रुख पलट दिया। इसी के साथ मुंबई की लगातार छह जीतों का सिलसिला थम गया।
अगर मैच के मिडल ओवर्स पर नज़र डालें, तो भी मुंबई का प्रदर्शन असंतुलित दिखा। बुमराह और बोल्ट ने अपने चार ओवर समय से पहले पूरे कर लिए थे, जिससे डेथ ओवर्स में गेंदबाज़ी की जिम्मेदारी अपेक्षाकृत कमजोर विकल्पों पर आ गई। बीच के ओवर्स में रन लीक होना और रणनीति में लचीलापन ना दिखाना भी हार की बड़ी वजह रही।
जहां बुमराह ने एक बार फिर दिखाया कि क्यों वो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों में हैं—गिल और शाहरुख की विकेट लेकर मैच को मुंबई के पक्ष में मोड़ा—वहीं अन्य गेंदबाज़ उस लय को बनाए नहीं रख सके।
गुजरात की जीत ने यह दिखा दिया कि सिर्फ एक या दो गेंदबाज़ों पर निर्भरता खतरनाक हो सकती है। मुंबई के लिए यह मुकाबला एक सीख भी है—महज फैसला लेना काफी नहीं, उसकी क्रियान्वयन (execution) भी उतना ही अहम होता है।
